अष्टौ गुणा पुरुषं दीपयंति प्रज्ञा सुशीलत्वदमौ श्रुतं च।पराक्रमश्चबहुभाषिता च दानं यथाशक्ति कृतज्ञता च॥ आठ गुण पुरुष को सुशोभित करते हैं – बुद्धि, सुन्दर चरित्र, आत्म-नियंत्रण,शास्त्र-अध्ययन, साहस, मितभाषिता, यथाशक्ति दान और कृतज्ञता । President:Prof. Sumit K. Kundu kundus@fiu.edu INDAM Secretariat info@indam.in Your Name (required) Your Email (required) Subject Your Message Input